Rupesh Singh Lostom 07 Sep 2023 कविताएँ अन्य तू नदिया होती तो 10560 0 Hindi :: हिंदी
तू नदिया होती तो तू नदिया होती तो मैं नाविक बन जानता दोनों तैरते साथ साथ कही किनारा मिल ही जाता आशमा अपना धरती अपनी अपना ही होता दरिया पहाड़ तारे अपना चंदा अपना अपना ही होता पूरा संसार तू जो अगर राधा बन जाती मैं भी कान्हा बन ही जाता कही वन में या उपबन में अपना मिलन भी हो ही जाता काश कुछ ऐसा हो जाये ये जुदाई के बादल छट जाये तू रहे मेरी साँस बन कर और उम्र बस यूँ ही गुजर जाए