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एक दिन बादशाह ने पुकारा सबको

Shivani singh 11 Jul 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग 7304 1 5 Hindi :: हिंदी

हास्य रस की कविता सुनाते हैं,
जिससे हंसी का आगमन हो जाता है।

खड़ा हूं दरबार में एकदूसरे के सामने,
चिढ़ रहा हूं अपने मित्रों के साथ मज़े में।
हंसी सुनाई देती है हर इंसान की आवाज़ में,
सबके होंठों पर मुस्कान लाती है आगे।

एक दिन बादशाह ने पुकारा सबको,
कहा, "मेरे चहेते दरबार में आओ सबलोग।"
दरबारी लोगों ने सीधा जवाब दिया,
हंसी भरी कविताएं सुनाने का आदेश दिया।

मैं जूठ नहीं बोलता ऐसा कहकर अपने दोस्तों को बताता हूं,
हंसी की कविताओं को लेकर हर बार मैं रचाता हूं।
लोगों के होंठों पर मुस्कान लाता हूं मैं,
बच्चों की हंसी से खुश हो जाता हूं।

कविता में तो मैं हंसी बरसाता हूं,
जहां जाते हैं वहां खुशियाँ लाता हूं।
बिना किसी कारण के हंसने का करता हूं प्रयास,
लोगों के चेहरे पर खुशियों को फैलाता हूं।

हंसी का आगमन हो जाता है सबके चित्त में,
हंसते हैं लोग सब, बच्चे और बड़े बड़े मूड में।
हंसी से जीने का खुशियों को संसार में,
हास्य रस की कविता लिखते हैं हम यहां।

Comments & Reviews

Keshav Singh
Keshav Singh Nyc💜

9 months ago

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