Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य आँशुओं को बहने दिया 5542 0 Hindi :: हिंदी
आँशुओं को बहने दिया जो दिल में बात थी वो निर्दोष अशुओ ने कह दिया बड़ी मुद्द्त से चाहत थी कि उसे पा सकूँ अपने हाल जख्म दिखा सकूँ लेकिन ऐशा हो न सका क्योकि न अब वो रही न उसकी यादें ऐशा नहीं कि जज्बातों में जज्बात नहीं उसको पा सकूँ ऐशा कोई अब आश नहीं अब तो होठ भी ग़ज़ल बोलती हैं उसको याद कर के लेकिन न वो न उसकी साया कही