Ranjana sharma 30 Aug 2023 कविताएँ दुःखद जिस आग में जल रहें थें#Google# 5063 0 Hindi :: हिंदी
जिस आग में हम जल रहे थें उस आग में तुम ना जलो ऐसी दुआ है रब से जिस नाजुक दौर से हम गुजरे थें उस दौर से तुम ना गुजरो ऐसी दुआ है रब से जिसे हमने चाहा वो नहीं मिला पर जिसे तुम चाहो वो तुम्हें मिल जाए ऐसी दुआ है रब से जिस झूठी आस में हम जीने लग गए थें वैसी तुम्हें ना किसी की आस लग जाए ऐसी दुआ है रब से कागज के फूलों से खुशबू चाहा हमने पर तुम्हें सच में गुलाब मिल जाए ऐसी दुआ है रब से जिस इंतज़ार की टीस हमने सही थी उस इंतज़ार का लम्हा तुम्हारे नसीब में ना हो ऐसी दुआ है रब से जो दर्द हमें तुमसे मोहब्बत करके मिली वैसा दर्द तुम्हें किसी से ना मिले ऐसी दुआ है रब से धन्यवाद