मोती लाल साहु 26 Jul 2023 शायरी अन्य गुरु वाणी, सत्संग 6506 0 Hindi :: हिंदी
"ये तन को कभी- दिल-ए-नज़र देखा ना था" "मैं ज़िद पर- अड़ा था अभिमान में पड़ा था"..!! "बैठ पल भर- गुरु वाणी सुनी सत्संग में" "बसा है श्री- हरि सियाराम इसी मूरत में"....!!!! -मोती