Pravin Chaubey 22 May 2023 शायरी धार्मिक #कविता #काव्य #पोएम #सायरी #मोटीवेशन #दर्द सायरी #रील #वायरल 6409 0 Hindi :: हिंदी
उस की उम्र ही क्या थी जो वो आज कमाने चला गया थी घर के जिम्मेदारियों का बोझ उस को निभाने चला गया कोई भूखा ना सोए उस के घरों में ये सोच के वो रात भर काम करता रहा नींद कहा आती उस को वो बैठ के पूरी रात भर रोता रहा उस की उम्र ही क्या थी जो वो आज कमाने चला गया थी घर के जिम्मेदारियों का बोझ उस को निभाने चला गया - प्रवीण चौबे
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