शुक्र है !मैंने तुम पर ऐतबार न की!
समय रहते ही खुद को! संभाल लिया !
जिंदगी तबाह न की !
जिस दिन से तुमको चाहा किसी
और की चाह न की?
न जाने !
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किसी को पता ही नहीं जाना कहां है और कहां जा रहे हैं... "धरमा"
इतनी भीड़ है शहर में खो जाने का डर लगा रहता है
इसलिए तो मैंने जंजीर बांध ली खु read more >>