Aarti Goswami 17 Jan 2024 कविताएँ अन्य ए जिन्दगी, जिन्दगी 5174 1 5 Hindi :: हिंदी
"ए जिन्दगी" ए जिन्दगी तू रुक जा अभी मेरे ख्वाब अधूरे हैं जीवन के अर्थ को समझना चाहती हूं जन्म को सार्थक बनाना अभी बाकी हैं सपनों के आसमान में उड़ना चाहती हूं उस राह पे आगे बढ़ना अभी बाकी हैं मंजिल की मुसाफ़िर हूं सफलता को पाना अभी बाकी हैं आज़ाद परिंदा हूं अपनी किस्मत पे अभिमान करना बाकी हैं घरवालों के सपने सच करना चाहती हूं पापा की इच्छाएं पूरी करना अभी बाकी हैं ए जिन्दगी तू रुक जा अभी मेरे ख्वाब अधूरे हैं ~'आरती गोस्वामी'✍️
3 months ago