Bholenath sharma 13 Mar 2024 कविताएँ समाजिक तुम आ भी जाओ न 3354 0 Hindi :: हिंदी
तुम आ भी जाओ न बात बात पर रुठ रही हो कितनी भोली कितनी हो नादान । चल हँस तू देखू तेरी मुस्कान तुम आ भी जाओ न आओगी यदि तुम मेरे पास दूँगा में खूब उपहार वह कहती , पहले दिखाओ क्या लाये हो फिर लुटाना मुझ पर प्यार ।