Baba ji dikoli 16 Apr 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत शायरी/गजल/नगमा/गीत/संगीत/साहित्य/कहानी/कविता 6880 0 Hindi :: हिंदी
मुहोब्बत का एक अलग ही सुरूर है, मिया जिसे मिल जाय बो मगरूर है। जिसे छोड़ दे वो गम में चूर है। नये आशिको के लिए इस में नूर है। जो हर एक से मुहोब्बत कर ले बो मशहूर है। और पराई जात में की जाए तो मुबोब्बत मजबूर है। कुछ कहते है मुहोब्बत अल्लाह का दिया इनाम है। तो किसी ने कहा मुहोब्बत बर्बादी का पैगाम है। ग़ालिब से पूछा तो बोला मुहोब्बत एक फरेब का नाम है। मेरी समझ में आया की मुहोब्बत गुमनाम है। @BaBajidikoli