उमेश सिंह राजपूत 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य Maine sikha hai hindi kavitae प्रेरक कविताएँ poems in hindi कविताएँ kavitae hindi kavita tukant kavitae poems kavita कविता 53689 0 Hindi :: हिंदी
मैंने सीखा है बहती नदियों से पर्वत चीर के राह बनाना जीव-जगत की प्यास बुझाकर पारावार में लीन हो जाना मैंने सीखा है दानी वृक्षों से अपना धन जग को दान करना स्वयं तपस में जलते रहना छाया कर जग कल्याण करना मैंने सीखा है घने बादलों से दूर जगत का कष्ट कर देना वर्षा कर जग की त्रास मिटाना परहित में स्वयं को नष्ट कर देना मैंने सीखा है जलते सूरज से ख़ुद जलकर प्रकाश फैलाना सबको अपनी ऊर्जा देना और सभी के काम आना मैंने सीखा है समुची प्रकृति से परहित में बलिदान करना निश्छल सेवा भाव रखना हर जीव का कल्याण करना - उमेश