Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम देश प्रेम 24015 1 4 Hindi :: हिंदी
//...मजहबी उन्माद...// मानव मस्तिष्क के , एक कोने में, जमा हुआ मवाद ...! सारे मानव समाज को , सड़ाता, गलाता घाव मजहबी उन्माद....! मरती माताएं , लुटती अबलाएं ...! होती कितनी , मर्माहत घटनाएं ...! यह कराता कत्लेआम , सरेराह ,सरेआम दंगे और फसाद ...! उदाहरण के तौर पर , सामने इतिहास पड़ा लो कर लो याद ...! मेरे देशवासियों , मेरी तुमसे विनम्र विनती , फिर ना आए , गुजरा हुआ कल ...! सबका अच्छा हो, आने वाला पल ...! इसलिए अपने विचारों से , कर दो इसे आजाद ...! आओ एक हो सभी मिटे मन से यह उन्माद ...! चिंता नेताम "मन" डोंगरगांव(छत्तीसगढ़)