VIVEK KUMAR PANDEY 25 Jun 2023 कविताएँ दुःखद अधूरे ख्वाब, आधे -अधूरे, क्या -क्या खोया मैंने 7632 1 5 Hindi :: हिंदी
पाल रखा है दिल में बला किसलिए ? फिक्र करता है कल की भला किसलिए ? ऐ मेरे हमसफर मुझको इतना बता, छोड़ जाना ही था तो चला किसलिए ? फिक्र परवाने को अपनी थी ही अगर, जाके शम्मा पर खुद वो जला किसलिए? गर इसे एक दिन टूट जाना ही था ख्वाब पलकों पे अब तक पला किसलिए ? ऐ मेरे हमसफर मुझको इतना बता, छोड़ जाना ही था तो चला किसलिए ?
9 months ago