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प्रभु के जन को आशीष मिले

Preksha Tripathi 28 Jun 2023 कविताएँ धार्मिक 6568 1 5 Hindi :: हिंदी

अतिशय कोविद् श्रेष्ठ प्रवर। 
चरणों में अर्पण इंदीवर।। 
करती मैं वंदन सतत् सतत्।। 
यशशील रहे एकल अविरत।। 

हो भाव विभाव प्रभाव सदा। 
कलील न हो अनुभाव कदा।। 
जग ईक्षण में जय ईश मिले।
प्रभु के जन को आशीष मिले।। 

प्रेक्षा त्रिपाठी

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VIVEK KUMAR PANDEY
VIVEK KUMAR PANDEY माता ज्ञानदायिनी बहन प्रेक्षा का सदैव कल्याण करें। माता वीणापाणि तुम्हारी लेखनी में सदैव विराजमान रहे। तुम्हारा अग्रज...

9 months ago

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