Ranjana sharma 06 Sep 2023 कविताएँ दुःखद रूठ कर बैठा है#Google# 16623 2 5 Hindi :: हिंदी
आज हर कोई मुझसे रूठ कर बैठा है कल तक सबके लिए सोचा ,तो ठीक था आज जरा सा अपने बारे में क्या सोच लिया दिल में कांटा बन चुभा है कैसी दुनियां है ,सब मतलबी है कोई आपके पास किसी ना किसी उम्मीद से ही जुड़ता है जब तक तुम साथ दो तब तक तुम उसके नजरों में महान हो जहां उसको अपनी बात बता दो तो तलवार से काटता है आज हम बिल्कुल तन्हा है किसी गैर को क्या अपना बनाया जब अपना ही गैर बनकर बैठा है रौशनी थी जो दिल में अब हर जगह अंधेरा है साथ अब किसी का नहीं क्योंकि आए भी थें अकेले और जाना भी अकेला है धन्यवाद