नशीली आंखों में काजल लगा के आए हो,
लगता है सारा शहर पागल बना के आए हो।।
पांव में पायल न डाली होती तो बेहतर होता,
क्यों हर दिल में चाहत जग� read more >>
आज के समय में हर व्यक्ति के मित्र होते है, आधुनिकता के इस दौर में पुरुष की महिला व महिला के पुरुष भी मित्र होते है। मिथुन अनुरागी की यह क� read more >>
मैने झांका है मेहनत की तासीर में,
अब क्यों सोचें क्या लिखा है तकदीर में ।
मानता हूं मंजिल अभी दूर है मेरी ,
पर सब कुछ मिलता है मेहनत की ज� read more >>
रूठ कर मुझसे बो मनाने आई है,
ये उसकी साजिश है रुलाने आई है।
पिछले जख्म भरे नहीं अभी तक,
नए जख्मों पर नमक लगाने आई है।।
Written by
Mithun Anuragi read more >>