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मेरे आंगन में तुम आना

Mithun anuragi 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरे आंगन में तुम आना 67720 0 Hindi :: हिंदी

फूलों की खुशबू मधुर बनकर ,

प्यारे गीतों का स्वर बनकर 

नव प्रभात की लाली बनकर 

उपवन की हरियाली बनकर
                       ये सारा जहाँ महकाना | 
                       मेरे आँगन में तुम आना ||
 वो समुद्र सी आंखे ,वो ह्रदय आसमा सा ,
वो गुलाव से ओंठ ,वो चेहरा चन्द्रमा सा |
वो मुस्कान उलझी पहेलियों सी ,
वो कोमल हथेली कलियों सी |।            
                जरा इक बार और मुझे दिखाना 
                 मेरे आँगन में तुम आना ||

सावन की बूंदों सी रिमझिम ,

तुम्हारी पायल की छमछम |

कोयल सी मीठी आवाज तुम्हारी ,

सुन्दर गोरी सी सूरत तुम्हारी |

                            मेरे ह्रदय में बस जाना 

                        मेरे आँगन में तुम आना ||

डुबोना मुझको अपनी चंचल बातों में ,

तुम जागो और मुझे जगाओ रातों में |

हुआ बिलम्ब अब आओ दुल्हन बनकर ,

मेरे जीवन से गम के कांटे चुनकर ||

                         मेरा जीवन सरस बनाना 

                        मेरे आँगन में तुम आना ||

            




                    Written By 

           Shayar Mithun Anuragi



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