Pooja Sankalp 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद 24624 0 Hindi :: हिंदी
मेरा घमंड तोड़ दो, बना लो अपना चरण दास, मैं अन्यायी बन-बन दर-दर भटक रहा, तेरी ओर तनिक न झाँक रहा, मेरे दुष्कर्म को क्षमा कर, बना ले मुझको अपने मणियों का मुक्ताहार, धन-दौलत के लालच में, स्मरण तुझे न कर रहा, एक पेट के खातिर, मैं सैकड़ों का पेट काट रहा, मेरे इस अन्याय का दण्ड का भागी बनाकर, मुझको बना ले एक निशान।