धर्मपाल सावनेर 08 Apr 2023 ग़ज़ल दुःखद #जुदा #होने पर #लिखी #ताजा# गजल# 22434 0 Hindi :: हिंदी
कहो तो करले अब सुलाह क्या खत्म कर दे ये सिलसिला क्या ।। बिछड़ने वाले है आओ गले मिले बिछड़ने वाले से फिर गीला क्या ।। सच ही तो है इश्क में तुम्हे हमे दर्द के अलावा मिला ही क्या ।। तू गया तो जैसे याददाश्त भी गई फिर याद क्या और भुला भी क्या ।। कुछ वक्त भी न ठहर सका दिल में इश्क था पानी का बुलबुला क्या ।।। धरम सिंग राजपूत 8109708044