धर्मपाल सावनेर 30 Mar 2023 ग़ज़ल दुःखद प्यार में जुदाई का दर्द 12372 0 Hindi :: हिंदी
ये विरह वेदना को अब कोन मिटाएगा अब तो ये दर्द और बड़ता चला जायेगा जीने की तमन्ना मर चुकी हो जिसकी ऐसी जिंदगी भी जीना कोन चाहेगा ।। ऐ रब तू भी किसी से इश्क करके देख दर्दे जुदाई तू खुद ही समझ जाएगा हमे तो आखरी वक़्त मौत गले लगा लेगी अफसोस तो है के तू किसे गले लगाएगा।। धरम सिंग राजपूत 8109708044