Ranjana sharma 02 Dec 2023 ग़ज़ल दुःखद नसीब#Google# 19404 0 Hindi :: हिंदी
नसीब का क्या ही बताए हम जब भी अजमाया बुरा हमको ही बनाया हम तो कभी किसी के लिए अच्छे थें ही नहीं जो काम मैंने कभी किया ही नहीं उसी का सजा पाया क्या करे ,कहते हैं लोग किस्मत में जो है वहीं मिलता है ,रब ही जाने मेरी किस्मत में क्या लिख डाला मोहब्बत थी बहुत हमको उनसे मगर कभी कदर ना पाया जब दिल कहीं और लग गया तो इल्जाम भी हमही ने पाया ऐ जिंदगी कैसी जिंदगी बन गई हर खुशी पाने के कारण एक भी खुशी ना पाया अब जीने की चाह नहीं है तो जिंदगी ने भी अच्छा खेल खेला मौत को ही बेवफा बना डाला धन्यवाद🙏