Ranjana sharma 17 Aug 2023 ग़ज़ल दुःखद तुझपे हक नहीं मेरा#Google# 5651 0 Hindi :: हिंदी
तुझपे हक नहीं मेरा तो हक जताऊं कैसे तू मेरा नहीं तो तुझे अपना बताऊं कैसे ईश्वर की मर्जी थी हम मिल गए एक राह पर ईश्वर की मर्जी है हम बिछड़ गए उसी राह पर अब इसपे दोष है किसका बताऊं कैसे तेरे जाने का गम तो बहुत है मुझे तू खुश रहे यही दुआ है खुदा से पर गर तू सामने आ गया तो अपने आंसू छिपाऊं कैसे मिल जाती थी कितना सुकून तेरे बाहों में आकर खुद को भूल जाती थी तेरे सीने से लगकर टूटकर इतने टुकड़ों में बंट गई तुझसे जुदा होकर अब जो तू राह पर आया तो खुद को संभालूं कैसे धन्यवाद🙏