धर्मपाल सावनेर 05 Apr 2023 ग़ज़ल दुःखद ##जुदाई में #तन्हा #लोगो के लिए ##ये गजल# बोहोत# दर्द# भरी है ## 7970 0 Hindi :: हिंदी
गमों को अपना लिया खुशी को छोड़ दिया उसकी खुशी के लिए उसी को छोड़ दिया ।। मेरे पास होकर वो नाखुश रहे बर्दाश्त नही वो खुश नही था मुझसे तभी तो छोड़ दिया अब कोई नही मेरा में बिलकुल अकेला हूं उसको छोड़ा तो फिर सभी को छोड़ दिया ।। मौत का ही इंतज़ार है बे सबरी से मुझको जिंदा रहकर भी मेने जिंदगी को छोड़ दिया ।। बाकी जिंदगी बसर हो रही बेखुदी में मेरी ऐसा लगता है जैसे खुद ही को छोड़ दिया ।। धरम सिंग राजपूत 8109708044