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शराबी पिता

Shubham Kumar 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक शराबी पिता 38191 0 Hindi :: हिंदी

 उसका नाम विनोद था, सारी जिम्मेदारियां,
 उसके कंधों पर था,
 वह प्रतिदिन अपने पिता के लिए, शराब लाने के लिए, जाया करता था, उसी शराब के कारण, उसकी मौत हो जाती है_ यह लेख कुछ इसी प्रकार की घटना को दर्शाती है_
 विनोद बहुत हैं शांतिप्रिय लड़का था, वह मेरे साथ है स्कूल में पढ़ता था,
 मेरा अच्छा मित्र भी था, लेकिन उसकी पढ़ाई बीच में ही जब अटक जाती है,
 जब घर की सारी जिम्मेदारी उसके कंधे पर, आ जाती है,
 उसका पिता प्रतिदिन शराब पीता है,
 उनकी लत लग चुकी है, जिस दिन उनको शराब नहीं मिलता, वह घर में अशांति  फैलाता था , उस दिन भी विनोद_
 जैसा कि वह रोज कार्य करके_ लौटता था तो, अपने पिता के लिए शराब, जरूर ले जाता
 मार्केट के रास्ते में हैं मेरा घर था,
 विनोद लौटते समय, मेरे घर पर आता था,
 हम दोनों बातें करते_ और बैठकर चाय भी पीते थे" मेरे घर के बगल की एक लड़की थी_ उसका  नाम वर्षा था, हम तीनों ही बेस्ट फ्रेंड थे_ लेकिन वर्षा विनोद को बेइंतेहा मोहब्बत_ करता था_ उसने विनोद के सामने_ शादी का भी प्रस्ताव रखा था_
 लेकिन विनोद_  यह कह कर_ बातें भी टाल देती_ कि अभी मेरी बहन को शादी देना बाकी है_ फिर बाद में मैं तुमसे शादी_ रचा लूंगा_ विनोद_ मुझे अब जल्द ही घर जाना है_ क्योंकि तुम जानते हो, घर में कितना अशांति  होता है, उन्हें तो बस  शराब चाहिए, मैंने बोला__ क्या उनको तुम नहीं समझाते_ विनोद_ समझाता हूं, कभी-कभी लड़ाई झगड़ा_ भी होती है_ लेकिन वह मानने वाले नहीं_ और मैं अपने पिता का_ हत्या भी तो नहीं कर सकता_ ऐसे ही कितने दिनों की_ बात है दो-चार दिन के मेहमान हैं_ तुम तो जानते हो_ उन्होंने अपने स्वास्थ्य_ को कितना हानि पहुंचा दिया है_ दवा भी  देता हूं तो_ ठीक से खाते नहीं_
 तो मैं चलता हूं_ मैंने बोला मैं तुम्हें कुछ दूर_ छोड़ आ सकता हूं_
 नहीं बस तुम रहने दो विनोद  यह कह कर,
 चल दिया, मैं उसे देखता रहा,, कुछ देर बाद जब मैं अपने  घर में, प्रवेश करके_ अभी बैठा ही था_ तभी रास्ते पर_ भगदड़ मच जाती है_ लोगों ने कहा_ कि रास्ते में_
 एक लड़के का एक्सीडेंट_ हो चुका है_ वह सब विनोद को पहचानते थे, 
 उन्होंने कहा कि वह विनोद है_
 मेरी तो मानो रोंगटे खड़े हो चुके_
 मैं भी भगा भगा, सड़क की ओर  चला,
 सामने ही विनोद दर्द से  तड़प रहा था,
 सब लोग उसके आसपास खड़े थे,
 एंबुलेंस आनेवाली थी, तभी विनोद मेरी तरफ इशारा करता है_ मैं उसके पास चला जाता हूं_ उसने मुझसे कहा_
 देखो आज मेरी अंतिम सांसे, चल रही है,
 मेरा बचना कठिन है, लेकिन तुम यह सामान मेरे घर पहुंचा देना,
 और हां इसमें शराब है, जरा संभल के,
 मेरे पिताजी अशांति ना फैलाएं,, मैं रोने लगा_ तुम कैसे  बेतुका बातें कर लेते हो_
 तुम्हें शराब की चिंता है,, क्या तुम्हें अपने परवाह नहीं है,
 उसने हंसते हुए जवाब दिया_
 देखो मेरा जीवन एक कॉमेडी, बन गया है,
 कि मैं  शराब का एक बूंद नहीं पीता,
 कल खबर में आएगी,
 एक झूमता हुआ शराबी,
 इस दुनिया से चला,
 मेरे खातिर तुम सामान को, घर पहुंचा दो,
 लोगों से एंबुलेंस में, ले जा रहे थे,
 और वह दम, तोड़ चुका था,
 आज भले ही लोग शराब का प्रचार,
 बढ़-चढ़कर करते हो,
 लेकिन हकीकत में यह कितने घर को
 तबाह कर देता है, किस की एक घटना,
 मेरे सामने घटी थी_
 ना जाने ऐसे कितने बेटे हैं बेटियां हैं,
 जिनके सपने तबाह हो जाते हैं,
 शराबी पिता के कारण, उस शराबी पिता ने_
 अपने नवरत्न गवा दिए,

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