Sudha Chaudhary 28 Jun 2023 कविताएँ अन्य 5748 1 5 Hindi :: हिंदी
मैं अकिंचन भूल आयी रीति का इतिहास कैसे! प्यास की इस भूमि पर मैंने उगाया बीज कैसे! उषा विवश थीं सामने रात्रि का घनघोर तम ले उजाले के दिये चल पड़े उस ओर कैसै! शान्ति का एक राग वेधता है बार बार । युद्ध की भीषण धरा पर बज रहे हैं घोष कैसे! न्याय की सीमा से बढ़कर अन्याय फिर मापा गया। आज के इस दौर में अब खडे हो कृष्ण कैसे ! सुधा चौधरी बस्ती
10 months ago