akhilesh Shrivastava 29 Apr 2024 कविताएँ समाजिक बाल साहित्य कहां खो गया है 1909 0 Hindi :: हिंदी
आज़ का समय ये कैसा आ गया है बच्चों का बचपना कहां खो गया है पराग चंदामामा नंदन चंपक वेताल बाल भारती चाचा चौधरी लोटपोट आज कोई भी बच्चा नहीं पढ़ रहा है गूगल यूं ट्यूब वीडियो गेम चला रहा है बच्चों का बालमन अब भटक गया है सनातन संस्कारों से मतलब नहीं रहा है पश्चिमी सभ्यता का आवरण चढ़ गया है आज का समय ये कैसा बदल गया है रचियता ---अखिलेश श्रीवास्तव एडवोकेट जबलपुर
I am Advocate at jabalpur Madhaya Pradesh. I am interested in sahity and culture and also writing k...