मोती लाल साहु 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक हृदय में ईश्वर प्रेम की अविरल धारा जब बहने लगेगी,भक्ति मय मन और प्राण होगा क्योंकि यह तपस्या मनुष्य कई जन्मों से कर रहा है। अपने आराध्य देव से मिलने के लिए सतगुरु साईं इसी शरीर में है। 87277 0 Hindi :: हिंदी
हिय प्रवाहित ईश प्रेम, उर में प्रगाढ़ भक्ति। जन्म-जन्मांतर का तप, तपे साईं परगट।। मोती-