DINESH KUMAR KEER 24 May 2023 कहानियाँ समाजिक 6884 0 Hindi :: हिंदी
हृदय अवलोकन झाँक रहे है इधर उधर सब। अपने अंदर झांकें कौन ? ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां। अपने मन में ताके कौन ? दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते। खुद को आज सुधारे कौन ? पर उपदेश कुशल बहुतेरे। खुद पर आज विचारे कौन ? हम सुधरें तो जग सुधरेगा। यह सीधी बात स्वीकारे कौन?"