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दो अजनबी चींटी-राह चलते मिलते हैं औपचारिकता के बाद

मोती लाल साहु 08 Sep 2023 कहानियाँ समाजिक प्रकृति में हैं संभावनाएं अपार, अगर हम स्वीकार करें, हर एक के दो पहलू हैं, अच्छाई और बुराई सब में है, रात है तो दिन भी है, सत्य है तो असत्य भी है.... 16075 0 Hindi :: हिंदी

दो अजनबी-
चींटी राह चलते मिलते हैं
औपचारिकता- 
के बाद बातचीत का
सिलसिला शुरू होती है 
पहली चींटी- 
नमक के पहाड़ वाली
नमक का खूब गुणगान 
करते थकती नहीं-
खूबसूरत है स्वादिष्ट है 
सफेद चमकदार है मन को 
लुभाने वाली इत्यादि-इत्यादि
और दूसरी चींटी को-
आमंत्रित करती है मेरे
पहाड़ पर आओ तुम्हें खूब 
नमक खाने को दूंगी
कुछ दिन मेरे-
साथ रहो खूब दावत
उड़ाएंगे और मजे भी करेंगे
आमंत्रण को- 
स्वीकार कर दूसरी चींटी
समय अनुसार- 
नमक के पहाड़ पहुंचती है 
नमक का दावत चलता है 
और कुछ दिन रहकर नमक 
वाली चींटी से विदा लेती है 
और उसे भी- 
आमंत्रित करती है 
कि तू भी मेरे चीनी 
के पहाड़ पर आ कभी
कुछ दिन के बाद-
समय तिथि अनुसार
चलते समय यह सोचकर 
चीनी खाने में कैसा होगा
पसंद नहीं आया तो-
मैं भूखी रह जाऊंगी
अपने मुख में नमक रख 
कर चीनी के पहाड़ में 
पहुंचती है
चीनी का पहाड़ देखकर-
यह तो नमक के पहाड़ जैसा है
चीनी के पहाड़ वाली-
चींटी ने कहा तू खा कर देख 
तुझे खूब पसंद आएगा और 
उसे खाने के लिए चीनी दिया 
चीनी को जब मुंह में रखी 
कहती है यह-
तो मेरे नमक जैसा है
चीनी वाली चींटी माजरा 
समझ गई उसने कहा 
तू अपना मुंह खोल 
जब उसने मुंह खोल 
तो देखती है मुंह में वह नमक 
का ढेला रखे हुए हैं बोली इसे 
निकाल बाहर और जब उसने 
नमक बाहर निकाल करके चीनी 
खाया तब चीनी का मिठास 
का एहसास हुआ-उसके मुख से 
निकला शब्द "वाह" तुम्हारा 
चीनी तो अद्भुत लाजवाब है,,
सचमुच बहुत ही स्वादिष्ट है....!!!!

शिक्षा:-
(1.) यह है कि- दो समान सी दिखने वाली चीज एक नहीं हो सकते, गुण में आसमान जमीन का अंतर हो सकता है।
(2.) यह है कि- हम अपनी सोच-समझ या जानकारी को ही सर्वोपरि समझते हैं, उससे आगे का संसार बहुत ही नायाब खूबसूरत हो सकता है अगर हम स्वीकार करें।
(3.) यह है कि- हम अपना ज्ञान बघारने के बजाय अगला को शांत भाव से सुने तो शायद हमारे लिए अभूतपूर्व ज्ञान है वहां।
(4.) यह है कि- मानव की संरचना एक सा है पर गुण में अपार विभिन्नताएं हैं, जैसे कांच और हीरा।
-मोती

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