janak nandani 25 Aug 2023 कविताएँ अन्य प्रेरणादायक कविता 19041 0 Hindi :: हिंदी
अन्जान नदी की नावेँंl ना जाने कहाँ से आये ll हिलते-डुलते पानी में चलता l मेरे मन को भाये ll अन्जान नदीँं ..... जो भी बैठा उस नावँं पर खुद से पार नहीं कर पाये ll कितनी अच्छी यह नावँं जो हम सबका पार लगाये ll अन्जान नदीँँ................ मै खड़ी -खड़ी उसको देखी ना जाने कहाँ से आया ll मै खुद भी जा उस पर बैठी मेरा भी पार लगाया ll जहाँ कहीं से वो आया वो पिछे छुट कर जाये ll अन्जान नदी की नावेँं ना जाने कहाँ से आये