Ranjana sharma 30 Mar 2023 कहानियाँ प्यार-महोब्बत Google 84412 0 Hindi :: हिंदी
यश और नंदनी की शादी के छः साल हो चुकी थी ,पर उनका कोई संतान नहीं था । इसलिए नंदनी को उसके ससुराल वाले बहुत ताने देते थें।नंदनी बहुत दुःखी थी अपने ससुराल वाले से ,पर उसे खुशी इस बात की थी कि उसका पति उसके साथ था ।वह उसे हौसला देता था कि क्या हुआ हमारी कोई संतान नहीं हुई तो हम दोनों है न एक - दूसरे के लिए।पर नंदनी की सास अब चाहती थी कि यश दूसरी शादी कर लें जिससे उसका वंशज आगे बढ़ सके ।इसलिए वे लोग नंदनी को समझाते कि तुम यश को समझाओ दूसरी शादी के लिए ,क्योंकि वो तो हमारी बात कभी नहीं सुनेगा ।नंदनी बहुत दुःखी होती यह सुनकर ,पर वह उन लोगों के लिए मान जाती ।वह यश को समझती यश मान जाता और वह अपने घरवालों से बोलता ठीक है मैं दूसरी शादी के लिए तैयार हूं अगर आप लोगों का यही मानना है कि " मेरी दूसरी शादी होने से वंशज बढ़ेगा तो मैं दूसरी शादी करने के लिए तैयार हूं,पर मैं मंदिर में जाकर अपनी पसंद की लड़की से शादी करूंगा कोई तामझाम नहीं चाहता ।" नंदनी को यह सुन धक्का - सा लगता और वह अपने कमरे में चली जाती।दूसरे दिन सब घरवाले यश की शादी के लिए तैयारी करने लगते।सब मंदिर पहुंचते यश और नंदनी भी पहुंच जाते ।यश पंडित जी को बोलते पंडित जी मंत्र पढ़िए और यश और उस लड़की की शादी हो जाती ,जब वे लोग दुल्हन की मुंह दिखाई करते तो चौंक जाते वो लड़की और कोई नहीं नंदनी ही थी सबका मुंह खुला का खुला रह जाता ।तब यश अपने घरवालों से कहता कि " आप लोग यह कैसे कह सकते कि मैं दूसरी शादी करूंगा तो वंशज बढ़ेगा ,हो सकता है उससे भी न हो तो क्या आप लोग मेरी तीसरी शादी कराएंगे ।" इसका क्या मतलब है हमें हमारी सोच बदलने की जरूरत है भगवान ने हमें जैसा बनाया है हमें उसी में खुश रहना चाहिए ।उनकी मर्जी होगी तो हमारा संतान भी हो जाएगा इसमें दूसरी शादी करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मैं नंदनी से बहुत प्यार करता हूं हमारा प्यार इतना कमजोर नहीं की दूसरी लड़की को अपनी जिंदगी में ला सकूं। धन्यवाद