Shivani singh 26 Jun 2023 कहानियाँ अन्य 2669 0 Hindi :: हिंदी
एक छोटे से गांव में एक अनपढ़ आदमी रहता था। वह गांव के सबसे गरीब परिवार से था और उसे शिक्षा की कोई सुविधा नहीं थी। उसका नाम रामचंद्र था। रामचंद्र गांव में खेती का काम करके अपने परिवार को पालता था। एक दिन गांव में एक सरकारी स्कूल खुला। इसकी खबर रामचंद्र तक पहुंची और उसे यह सुनकर बहुत खुशी हुई। वह चाहता था कि उसके बच्चे इस स्कूल में पढ़ाई करें और उनका भविष्य सुधारे। लेकिन रामचंद्र के पास पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे और उसे यह भी नहीं पता था कि कैसे अपने बच्चों को स्कूल में दाखिल करें। वह बहुत ही परेशान और निराश हो गया। एक दिन, एक पढ़े लिखे ग्रामीण जो उसके गाँव में अपना खुद का स्कूल चलाता था, रामचंद्र से मिला। उसने रामचंद्र की समस्या सुनी और उसे सहायता करने का निर्णय लिया। यह पढ़े लिखे ग्रामीण ने रामचंद्र को उसके खेती का थोड़ा भाग संभालने के लिए तैयार किया औ र उसके बच्चों को स्कूल भेजने में मदद की। उसने रामचंद्र के बच्चों को अपने स्कूल में नि:शुल्क दाखिल करवा दिया। रामचंद्र के बच्चे स्कूल गए और वहां से शिक्षा प्राप्त करने लगे। उनकी उत्साह और मेहनत ने धीरे-धीरे उन्हें उच्चतम शिक्षा की ओर ले जाया। रामचंद्र के बच्चों ने अपने पढ़ाई में काफी मेहनत की और उन्होंने प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया। धीरे-धीरे रामचंद्र के बच्चे मात्रा नहीं, गुणवत्ता में भी उनसे आगे निकल गए। उन्होंने अपने गांव की सोच बदल दी और अनपढ़ता को मात कहते हुए अपने गांव के लिए एक प्रेरणा स्थल बना दिया। गांव के अन्य बच्चों को भी पढ़ाई की सुविधा मिली और उन्होंने अपने सपनों को पूरा करना शुरू किया। यह कहानी हमें यह बताती है कि शिक्षा हमें उच्चतम स्थानों तक पहुंचने की ताकत देती है। अपनी अनपढ़ता के बावजूद, रामचंद्र ने संघर्ष करके अपने बच्चों के भविष्य को स ुधारा और अपने गांव को भी प्रगति की ओर ले जाया। यह हमें यह सिखाती है कि शिक्षा व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है और समाज को भी प्रगति की ओर ले जा सकती है।