Poonam Mishra 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मन की भावनाओं को स्वीकार करना विश्वास करना या ना करना 29850 2 3.5 Hindi :: हिंदी
मैं रोज तुम्हें दिल से याद करती हूं तुम इसे स्वीकार करो ना करो कई काम है जीवन में मेरे पर मेरी यादों में तुम ही समाए हो तुम इसे स्वीकार करो ना करो हर दिन सुबह हंसकर जगाती है मुझे जब मैं थक के सो जाती हूं शाम को तो दिल तुम्हें ही याद करता है तुम इस पर विश्वास करो ना करो मैं हर रोज तारों से एक संदेश तुम तक पहुंचाना चाहती हूं तुम मुझ पर विश्वास करो ना करो मेरे मन में बस एक दर्द रहता है हर वक्त कि अब तुमसे यह दूरी बहुत खलती है मुझे तुम इस पर विश्वास करो ना करो बस एक शिकायत है मुझे जमाने से यहां जाने क्यों दुनिया मुझसे फिर भी जलती है यहां मैं तो हर रोज तुम्हारे कारण मन में जलती रहती हूं यहां तुम मेरी इस बात पर विश्वास करो ना करो मुझे बस एक बात तुमसे कहनी है आज बोलो कब तक यह मीठी पीड़ा सहनी है मुझसे यह मेरी आंसुओं से भरी आंखें पूछती है क्या मेरी इन हालातों पर कभी तुम विश्वास करो ना करो मेरे जज्बातों को तुम स्वीकार करो ना करो