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राधेश्वर ने अवतार -गिरधारि मुरारि पुरारि हरे

Preksha Tripathi 24 Jun 2023 कविताएँ धार्मिक 7289 2 5 Other :: Other

गिरधारि मुरारि पुरारि हरे! 
नंदलाल अदित्या गोपाल हरे!! 
बलि बाल अनादि अनंत हरे! 
अनिरुद्धा हरि मकरंद हरे!! 
ऋषिकेश हरे! देवेश हरे!! 
गोपालप्रियाज्ञानेश हरे!! 

जब प्रकृति ने नर्तन शुरु किया। 
मेघों ने गर्ज़न शुरु किया।। 
ऐरावत ने हुंकार भरी। 
देवों ने जय जय कार करी।। 

ब्रह्मा का शतदल फूट पड़ा।। 
कालचक्र भी छूट पड़ा।। 
शंकर ने डम डम कार किया।। 
पूर्णेश्वर् ने अवतार लिया।। 
मधु सूदन ने अवतार लिया। 
वसुदेवकि का आंगन तार दिया
राधेश्वर् ने अवतार लिया।। 

कारागृह का तिमिर स्वतः 
मुस्काया था। 
माटी का हर इक इक
कण हर्षाया था।। 
शेष नाग उन्मादित् हो
अकुलाया था। 
वृक्देवा ने अव्युक्ता को
जो जाया था।। 

प्रेक्षा त्रिपाठी

Comments & Reviews

संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह बहुत खूब, लाजवाब

10 months ago

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VIVEK KUMAR PANDEY
VIVEK KUMAR PANDEY बहुत खूब....शुभाशीष

10 months ago

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