अनिल कुमार केसरी 09 Jun 2023 कविताएँ धार्मिक आदर्श राम/राम-चरित्र का यथार्थ 3912 0 Hindi :: हिंदी
क्या राम बना कोई ? राम को तुमने सजाया मंदिरों में, राम को तुमने किताबों में लिखा। पात्र सारे जीवित रहे, टेलीविजन के चित्रपट पर, पढ़ा गया राम को, कथा की तरह हर जगह। वाचन हुआ राम का, चिल्ला-चिल्लाकर जोर-शोर से, रामायण को अगरबत्तियाँ-धूप लगाकर सबने पूजा। आदर्श के आदर्श की ढेरों बातें होती रही, राम के आदर्श को सबने काग़ज के पन्नों पर देखा। सबने बोला- 'राम-राम' अभिवादन में, राम की महिमा को, सबने मिलकर उत्साह से गाया। दौड़े दूर तलक सब, पैदल-पैदल राम के मंदिरों तक, रतजग्गा कर, सबने राम को अपना-अपना बतलाया। सबने मोल चुकाकर राम की तस्वीरों का, अपने-अपने घर ले जाकर, राम को अपना खुदा बनाया। सबने कहा- राम, आदर्श है दुनिया का, राम ने दुनिया को आदर्श का पाठ पढ़ाया। राम को सब पूजे, राम को सब गाये, सबने कथा सुनी, सबने यज्ञ-हवन करवाये। लेकिन, राम बने कोई, राम के आदर्शों को अपनाये, सारे जग में राम को ऐसे अपनाने वाला, हो ज्ञात किसी को, किसी ने जग में देखा हो, तो मुझको, तुमको, सबको उस आदर्श से मिलवाये...।