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जन्म लिया बेटी ने तो बोझ बनी संसार में

Meena ahirwar 04 Jun 2023 कविताएँ दुःखद कविता- दुखद# बेटी बोझ, # बेटा- बेटी में फ़र्क# आदि। 6892 0 Hindi :: हिंदी

जन्म लिया बेटी ने, 
तो बोझ बनी संसार में। 
भेदभाव से जकड़ी वो , 
जब आई इस दुनिया में ।। 

बचपन में ही उसने, 
 ताने सुनना सिखा । 
सब सहती रही अकेली, 
 पर मुँह से कुछ ना कहाँ।। 

बेटे जितना प्यार माँ , 
उसको दे ना सकी। 
 बोझ समझ कर बेटी से , 
 घृणा करने लगी ।। 

बेटे को मनचाहा , 
खाने को देती । 
बेटी भूखी हैं, 
 ना फ़िक्र उसे हुई।। 

बेटी ने पढ़ना चाहा, 
तो ब्याह की बात चली। 
है पराया धन तु, 
क्या करेगी पढ़- लिखकर।। 

रोती एक कोने में, 
माँ से कुछ बोल ना सकी। 
पाई कैसी किस्मत , 
ख़ुद को कोसने लगी।। 

मीना अहिरवार, 
जिला- छतरपुर (म.प्र) ।

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