कुमार किशन कीर्ति 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक मातृदिवस, शुभकामनाएं,तपती धूप 14728 0 Hindi :: हिंदी
मातृदिवस था।चारों तरफ युवावर्ग अपनी मां को शुभकामनाएं और उपहार दे रहे थे।कोई अपनी माँ के साथ सेल्फी भी ले रहे थे।बस,चारों तरफ धूम मची हुई थी। मगर,अप्रैल माह की तपती धूप में बजाज की शोर के बीच एक बूढ़ी माँ चौराहे पर बैठकर गुलदस्ते बेच रही थी। शायद....वह भी किसी की माँ ही थी।