Archana Singh 20 May 2023 कहानियाँ धार्मिक 🌼🌼 आस्था पर विश्वास 🌼🌼 7054 0 Hindi :: हिंदी
नमस्ते दोस्तों 🙏🙏 दोस्तों ! आज की कहानी का शीर्षक है ... " आस्था पर विश्वास " ! कहते हैं दोस्तों ! अगर हमें अपनी आस्था पर विश्वास हो , तो हम जिंदगी में कभी हार नहीं मान सकते और ना ही कभी परेशानियों में फंस सकते है ,,,, अगर कभी परेशानियों में फंस भी जाए तो अपनी आस्था पर विश्वास रखकर उस परेशानी से बाहर निकाल जाते है । तो चलिए ! आप सभी के सामने एक कहानी पेश करती हूं ..... एक व्यापारी था । वो व्यापार करने अपने गांव से दूर शहर में नदी पार करके रोज जाता और रोज लौटकर आता था । उसका प्रतिदिन का यही काम था । प्रतिदिन की तरह वो अपना सारा सामान बेच कर घर लौट रहा था कि उस दिन सुबह से ही बहुत तेज बारिश हो रही थी । बारिश इतनी तेज थी कि कई रास्तों पानी से गड्ढे हो गए थे । जब वो व्यापारी नदी पार करने के लिए आगे बढ़ा तो , जिस पुल से वो प्रतिदिन नदी पार करता था वो पुल आधी टूट चुकी थी ,,,,, क्योंकि वो बांस की बनी हुई थी और पानी में भीगने के कारण तथा बहुत दिनों से उसकी मरम्मत नहीं होने कारण वो जर्जर हो गई थी । उस व्यापारी ने परमात्मा को याद किया और कहां " हे प्रभु ! मुझे इस पुल पर चढ़ने में बहुत डर लग रहा है , हालांकि मैं जानता हूं कि आप मुझे बचा लोगे , इसलिए मैं आपका नाम लेकर आगे बढ़ रहा हूं । वो अपने परमात्मा को याद कर पुल पर आगे बढ़ने लगा । धीरे - धीरे वो पुल चरमराने लगी और आधी पुल टूट कर नीचे झुक गई । वो व्यापारी डर गया और डर से अपने परमात्मा को याद करने लगा " हे भगवान ! अब तो लग रहा है मैं नीचे नदी में गिर ही जाऊंगा , मुझे बचा लो ,,,,, मेरे बीवी - बच्चे मेरा इंतजार कर रहे होंगे । मेरी मदद करो । ऐसा बोलते - बोलते जब वो अपनी आंखें खोला तो पुल के उस पार सच में परमात्मा खड़े थे और मंद - मंद मुस्कुरा रहे थे । वो बोला :" प्रभु ! आप आ गए , तो अब मेरी मदद के लिए आगे बढ़िए । वो बार-बार अपने परमात्मा को पुकारने लगा कि भगवान आगे बढ़िए और मुझे बचाइए ।अन्यथा में नीचे नदी में गिर जाऊंगा " और उसके मन में एक पल के लिए ऐसा लगा कि " भगवान आ तो गए , पर मेरी मदद के लिए आगे बढ़ क्यों नहीं रहे । वह तो दूर खड़े मुझे देख रहे हैं । वो गुस्से में धीरे-धीरे पुल को पार करके आया और आकर परमात्मा के पास खड़े होकर बोलने लगा " आप तो मेरी मदद के लिए आ गए पर आपने मेरी मदद की क्यों नहीं ....? जब उसने परमात्मा का हाथ देखा तो वो अचंभित रह गया ..... क्योंकि परमात्मा जिस खंभे को पकड़कर खड़े थे , उसी के सहारे पूरा फुल टिका हुआ था , अगर वो उस खंभे को छोड़ देते तो वो पुल ध्वस्त हो जाता । यह देखकर उसके आंखों तले आंसू निकल पड़े और उसने तुरंत ही अपने परमात्मा के चरण पकड़ लिए " है प्रभु ! मेरी आस्था तो थोड़ी देर के लिए डगमगा गया था कि " आप आकर भी मेरी मदद नहीं कर रहे हैं , पर अगर आप मेरी मदद करने वहां आते तो यह पुल कब का नीचे गिर जाता " । उसने भगवान को शत-शत बार धन्यवाद दिया और खुशी-खुशी अपने घर चला गया । दोस्तों ! कहने का तात्पर्य यह है कि परमात्मा हमारी मदद तो करते हैं परंतु साथ ही साथ हमें भी कोशिश करनी चाहिए और अंत समय तक अपनी आस्था अपने भक्ति पर विश्वास रखना चाहिए । चलिए !फिर अगले किसी कहानी में मिलती हूं तब तक के लिए हमेशा की तरह , खुश रहिए , मस्त रहिए , हंसते - मुस्कुराते रहिए ! धन्यवाद दोस्तों 🙏🙏💐💐