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नरेंद्र भाकुनी 21 Apr 2023 कहानियाँ समाजिक अब्राहम लिंकन, अमेरिका, भारत, इंस्टाग्राम, अमित शाह, राजनाथ सिंह, संपित पात्रा,सुधांशु त्रिवेदी, योगी आदित्यनाथ, भारतवर्ष, दिल्ली, अमेरिका, r rr, hero, संपूर्ण विश्व का हीरो 6980 2 5 Hindi :: हिंदी

"” जिंदगी के इस इंतिहान में
हर मोड़ पर लिख रहा है।
कभी असफलता से 
मत घबराना मेरे दोस्त
तेरी इस पाक मेहनत को
वह खुदा देख रहा है।""

अक्सर हम जिंदगी में नए मोड़ पर गुजरते हैं तो कई मौके मिलते हैं अधिक से अधिक मौकों में हम हार जाते हैं, लेकिन हारना भी कभी मनुष्य को जीत की सीडी  दिलवा देती है।
यह कहानी है अमेरिका की महान शेर दिल वाले की जिनका नाम था अब्राहन लिंकन। जोकि यूनाइटेड स्टेट्सअमेरिका का १६वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।

इनके पिता का  नाम थॉमस लिंकन था और माँ का नाम नैंसी था, कुछ संदर्भ में देखा जाए तो अब्राहम लिंकन एक राष्ट्रपति के साथ - साथ महान जनप्रतिनिधि के रूप में कार्य किया और इनका जन्म एक नीग्रो परिवार में हुआ। अमेरिका में दो प्रकार के अमेरिकन रहते थे एक वाइट दूसरा नीग्रो जिसको अश्वेत अमेरिकन कहते थे, उनके साथ काफी अन्याय होता था हद से ज्यादा।

बचपन में इनकी जिंदगी काफी कठिनाइयों से गुजरा उस समय घुमंतू शिक्षक हुआ करते थे जो केवल नीग्रो अमेरिकन के बच्चों को पढ़ाते थे। अब्राहम लिंकन को पढ़ने का बड़ा शौक था और लिखने का भी लेकिन उनके पास किताबें नहीं थी एक दिन जॉर्ज वाशिंगटन जो अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति थे। उनकी एक किताब थी, काफी ज्यादा महंगी थी उन्होंने अपने दोस्त से जब किताब मांगी तो उसने दे दिया उस समय उनके घर में रोशनी नहीं था रात में उन्होंने बाहर चांदनी की रात में किताब पढ़ी लेकिन वह किताब उसकी भूतों से खराब हो गया सुबह जब अब्राहम लिंकन वह किताब अपनी दोस्त को लौटाने गए तो उसने कहा कि तुम यह किताब तो खराब कर दिया लेकिन तुम 3 दिन तक हमारे घर में मजदूरी करोगे।
अब्राहम लिंकन ने 3 दिन तक उसके घर में मजदूरी की।

""तेरे इरादों को आसमां भी क्या झांकेगा।
तुझमें वह जुनून है, जिसके आगे सागर भी नाचेगा।""

एक छोटे से परिवार में जब अब्राहम लिंकन पैदा हुए तो उनकी मां बहुत जल्दी मर गई थी फिर उनकी सौतेली मा सारा बुश लिंकन ने उन्हें पढ़ाया लिखाया कभी-कभी उनकी मां अर्थात सौतेली मा उनको कोयले से लिखा कर पढ़ाती थी।
 वो अपनी मां से कहते थे अगर दिल से राष्ट्रपति बनना हो तो और दुनिया को अपने अल्फाजों से बात करनी हो तो हमें किससे प्रेरणा लेनी चाहिए तो उनकी मां ने उत्तर दिया देखो लिंकन अगर तुम्हें एक सच्चा प्रतिनिधि बनना है तो तुम्हें पहले खुली हवा में प्राकृतिक के नीचे इन वृक्षों से बात करो इन को संबोधित करो क्योंकि ये , बोलते नहीं है सुनते जरूर है।

"" दुनिया की जो शिक्षक है,
उस माता का निश्चल नाम करते हैं।
जो जीवन की शिक्षिका है एक राष्ट्रपति की
ये अमेरिका उस मां को सलाम करते हैं।""

एक महान राष्ट्रपति बनने के लिए अब्राहम लिंकन ने कई असफलताओं का सामना किया जहां भी जाते थे तो लोग नीग्रो , नीग्रो कहकर पुकारते हैं तब उन्होंने शपथ ली कि मैं 1 दिन अमेरिका से गुलाम लोगों को आजाद करवाऊंगा।

""जिस के पथ पर कांटे आए,
तू रुकना नहीं कहां जाएगा।
अगर कांटो पर चल ही पड़ा है लिंकन
गुलाब वही खिलाएगा।""

अब्राहम लिंकन ने लगभग 32 की उम्र में वकील की डिग्री ली थी। वे सुर्खियों में एक दिन इस प्रकार आए एक अमेरिकन आर्मी जो युद्ध में शहीद हो गया था तथा उसकी पत्नी सभी जगह गई अपने पेंशन योजना के लिए लेकिन उसको पेंशन नहीं मिली फिर उसने कोई वकील का सहारा तो लिया लेकिन उस वकील ने अपनी फीस $500 कह दिया। उस विधवा के पास पैसा नहीं था रास्ते में उसको अचानक अब्राहम लिंकन मिल गए उन्होंने कहा _

""मुश्किलें तो आती है
जो अपना सबक सिखाती है।
पर जो संभल जाए उस राह में
यहीं सब कुछ बताती है।
जीवन में जो पाया है
उसका जवाब दे दो।
कांटे ही कांटे अगर पाए हैं तो
उसमें गुलाब दे दो।""

 जब वतन का फौजी सीमा पर सुरक्षित सभी लोगों की मदद करता है तभी हम ऑक्सीजन लेते हैं। आज उसी फौजी का परिवार सुरक्षित नहीं है उसको भी पेंशन के लिए दर_ दर ठोकरे खानी पड़ रही हैं अब्राहम लिंकन ने उस विधवा महिला का केस हाथ में लिया और बिना पैसों का और वो जीत गए। इससे दुनिया में उनका विश्वास और भी अधिक मजबूत हो गया सारी दुनिया उनसे प्रेम करने लग गए।

""ना पूछो हमारी मंजिलों को
अभी तो नया सफर तय करना है।
हर कांटो की राह पर हमने
गुलाब खिला कर आगे बढ़ना है।""

अब्राहम लिंकन किसी सुंदर लड़की से प्रेम करते थे वह लड़की भी उनको पसंद करती थी और क्यों ना करें उनमें एक अलग बात थी बात आगे बढ़ी और उनकी शादी तय हो गई लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था वह लड़की बीमार हो कर मर गई, जो जितना महान होता है दुख की वेदना और भी अधिक होती है, अब्राहम लिंकन पूरी  तरह से टूट गए। लेकिन उन्होंने एक महान राष्ट्रपति बनना था
 
""तुम उस नदी की धार थी
मैं उस नदी का किनारा।
जैसे कहीं मझधार में भी
मिल गया कोई सहारा।
इस मतलबी संसार में भी
मिल गया कोई जो राही।
तुम बसे थे दिल में मेरे
मैं कलम का था सिपाही।""

धीरे-धीरे हर मन की बेचैनी को छुपा कर वो मंजिल को तलाश  2 दो बार उन्होंने चुनाव लड़ा लेकिन सफलता ना मिली क्योंकि उन्होंने और भी महान बनना था बाद में उनकी शादी एक प्रतिष्ठित परिवार में जिसका नाम  मैरी टॉड  था।
बाद में राष्ट्रपति के लिए नामांकन हुआ और उनकी जीत उनके साथी की तरह आ गई।

""यू ही मायूस नहीं होते जिंदगी की राह में
दुख नदी बनकर सागर में मिल जाते हैं।
अगर जिंदगी में पतझड़ बनकर आते हैं
तो सावन बहार बनकर आते।""

अमेरिका के सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के विषय में उनके विरोधी प्रायः कुछ न कुछ अखबारों में प्रकाशित करवाते रहते थे , किंतु लिंकन कभी उनका प्रति उत्तर नहीं देते थे। 

एक दिन उनके एक मित्र ने कहा, “आपके विरोधी इतना कुछ आपके बारे में लिखते हैं। आप उनका जवाब क्यों नहीं देते ? आपको भी जवाब देना चाहिए।” 

लिंकन ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “मित्र ! यदि मैं उनका जवाब देने लगूंगा तो मेरी पूरी उम्र इसी में निकल जायेगी। 
फिर मैं कोई जनकल्याण का कार्य नहीं कर पाऊंगा। जीवन के अंत में यदि मैं अपने कार्यों के द्वारा बुरा साबित होता हूँ तो मेरे द्वारा दी गयी किसी सफाई का कोई मूल्य नहीं होगा। “यदि मैं एक अच्छा व्यक्ति साबित होता हूँ तो फिर इन आलोचनाओं का कोई मूल्य नहीं होगा। इसलिए मैं इनपर बिलकुल ध्यान दिए बिना चुपचाप अपना काम करता हूँ।”

आलोचनाएं होती रहेंगी लेकिन हमें सिर्फ़ अपने कार्यों के द्वारा लोगों की आलोचनाओं का जवाब देना चाहिए।

अमेरिका के सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन चुनकर जब पहली दफा राष्ट्रपति कार्यालय पहुंचे तो एक महान कानून विशेषज्ञ जिससे यह सफलता हज़म नहीं हुई थी उन्होंने कहा, लिंकन, तुम्हें याद नहीं है, तुम्हारे पिता मेरे जूते बनाते थे।

लिंकन मुस्कुराया और बोला, "मुझे याद कैसे नहीं होगा। मेरे पिताजी सबसे अच्छे जूते बनाते थे। क्योंकि उसे अपने काम से प्यार था। लोगों को भी उनके काम से प्यार था। मैं भी इनसे जूते बनाना सीखा हूँ । अगर आपके जूते में कोई समस्या है तो मैं ठीक कर सकता हूँ। लेकिन अगर यह मेरे पिता द्वारा बनाया गया जूता है, तो यह संभव नहीं है कि कोई समस्या हो।"

अगर आपको ख़ुद का घायल होना पसंद नहीं है तो कोई भी आपको चोट नहीं पहुंचा सकता। अगर आप निराश होने से इनकार करते हैं, तो कोई भी आपको निराश नहीं कर सकता। अगर आप अपने आप को सम्मान देते हैं, तो कोई भी आपको अपमानित नहीं कर सकता है।

अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन किसी अधिकारी को नोट्स लिखवा रहे थे, एक महिला बीच-बीच में बहुत बोल रही थी !

अधिकारी बोला,..." सर ये महिला बीच में  बोल-बोल के बहुत डिस्टर्ब कर रही है....!"

अब्राहम लिंकन ने कहा.. " ये मेरी पत्नी  मैरी टॉड हैं।"

अधिकारी सकपका गया और बोला,.. "माफ़ कीजिये सर,मुझसे भूल हो गयी...!"

अब्राहम लिंकन बोले,.." गलती मैंने की है, तो तुम क्यों माफ़ी मांग रहे हो....?"

जब राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन भारत के दौरे पर आने के लिए तैयार थे तो उन्होंने अपनी मां से कहा  मॉम मैं तुम्हारे लिए भारत से क्या लाऊंगा तो उनकी मां ने कहा बेटा भारत के दौरे पर जा रहा है मेरे लिए भारत से उस राज्य की माटी को लाना जो वीरों की भूमि है जिसे राजस्थान कहते हैं सुना है कि महाराणा प्रताप ने अपने राज्य के लिए अपना बलिदान सर्वस्व न्योछावर कर दिया इसी शेर की मिट्टी को लाकर मुझे प्रदान करना। लेकिन किंचित कारणवश उनका द्वारा भारत में नहीं हो पाया क्योंकि उस समय भारत भी एक पराधीन देश था।

""एक यात्रा करूंगा माई भारत की
क्या उपहार लाना है मैंने।
लाना तो जरूर होगा तो
राजस्थान की माटी लाना।
एक महाराणा प्रताप थे वहां के
हल्दीघाटी वह बतलाना।""

जब अब्राहम लिंकन राष्ट्रपति बने तो वहां ग्रह युद्ध छोड़ गया था कि सुरक्षा के लिए एक संरक्षक था जो कि एक दिन अचानक उसकी आंख लग गई लेकिन कहीं सिपाहियों ने उसे देख लिया और इस कारण वस उसे सीधे मृत्युदंड की सजा का फरमान दिया गया लेकिन अब्राहम लिंकन ने कहा इसको छोड़ दो और वह बच गया लेकिन एक दिन असली में उनके वाइट हाउस पर दुश्मनों का आक्रमण हो गया लेकिन उस व्यक्ति ने उन सभी को मार दिया लेकिन खुद शहीद हो गया क्योंकि मौत तो वीरों की वीर गति से होता है एक मरना वह होता है जो अपने लिए होता है और दूसरी मौत वतन के लिए तो आप फैसला कीजिए कि आपने कौन सी मौत मरनी है।

4 साल के बाद फिर से चुनाव हुए और राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन आसानी से जीत गए क्योंकि एक महान नायक सदैव आगे बढ़ता जाता है उन्होंने जो सदियों से चली आ रही प्रथा जैसे नीग्रो जाति के लिए गुलामी का सौदा होता था उसके साथ काफी ज्यादा अन्याय हुआ करते थे उन्होंने उसका अंत कर दिया शायद किसी ने कुछ और सोचा होगा एक महान नायक क्षेत्र में जब फिल्म देख रहे थे तो एक अनजान व्यक्ति ने उनको गोली मार दी और उनकी हत्या हो गई।

जीवन में अगर आगे बढ़ना है तो कम जिओ लेकिन काम ऐसा कर दो जिसे दुनिया वाले सदैव याद रखें एक जीना यह होता है अपने लिए जैसे एक ओक का वृक्ष सैकड़ों वर्ष तक जीता है लेकिन कोई छाया नहीं देता और जब सूखता है तो जलाने में धुआं आता है और एक कुमुदिनी का फूल एक ही दिन के लिए आता है लेकिन लोगों को आकर्षित कर जाता है तो आप कैसा जीवन पसंद करोगे।

नरेन्द्र भाकुनी, उत्तराखंड

Comments & Reviews

yashoda
yashoda nice

10 months ago

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yashoda
yashoda Nice

10 months ago

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