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राजस्थान की माटी

नरेंद्र भाकुनी 21 Apr 2023 कहानियाँ देश-प्रेम राजस्थान ,नरेंद्र मोदी, अमित शाह, महाराणा प्रताप, उत्तराखंड,Instagram,Facebook, YouTube, sahity live❤, हरियाणा, uttarakhand, योगी आदित्यनाथ, 7878 0 Hindi :: हिंदी

पंद्रह छिहत्तर ऐसी घटना
रक्त सी लाल हुई थी माटी।
मुगल की सेना, राजपूताने
लड़ उठे हल्दी की घाटी।”

यह कहानी है मेवाड़ मुकुट वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की तथा बहलोल खान के एक अद्भुत युद्ध की। कहते हैं कि बहलोल खान एक युद्ध भी नहीं हारा था। जिस की शमशीर में एक सुलेमानी तलवार चमक थी। आज एक आपको हल्दीघाटी का वर्णन का एक दृश्य।

“आज देखलो मानवता
कैसा रहा था ताप|
राजपूताना महाराणा थे
हल्दीधाटी मेँ प्रताप|
राजस्थान की हल्दी घाटी
कह रही थी बिछङे आप|
ये सिँहो की टुकङी थी
बोल रही थी महा प्रताप|
राजपूताने कहते थे
ये भूमि जो बनी सुहागन|
मेरे रक्त का कतरा
करते है जो पावन|
मै भी कहता आप भी बोलो
सारे मिलकर एक अलाप|
सिँहराज के एक वीर थे
वो थे राणा महा प्रताप|”

“इस युद्ध में जब महाराणा प्रताप और बहलोल खान आमने _सामने आए ऐसा लगा मानो दो शेरों का युद्ध हो रहा है लेकिन महाराणा प्रताप तो बब्बर शेर जोकि जंगल का राजा है और एक तरफ से बहलोल खान जो कभी भी एक युद्ध भी नहीं हारा था”

बह्लोल खान_”जानते हो मैं कौन हूं?

महाराणा_”जानता हूं तुम एक क्रूर योद्धा हो जो एक छोटे से बच्चे की भी जान लेना अपनी बहादुरी समझते हो।”

बहलोल खान_”फिर तो मैंने कई तुम्हारे योद्धाओं को धूल चटाई है क्या इनमें से सभी कायर है?

महाराणा_”युद्ध में तो कोई जीवित रहता है तो कोई मरता है इसका अभिप्राय ये नहीं है कि कोई कायर है क्योंकि इस माटी में शेर पैदा होते हैं।

“अरे! कब तक छेड़ते हो इस दिलेर को गर्दिश में तो गीदड़ भी घेर लेते हैं शेर को।”

एक महा युद्ध हुआ, महाराणा प्रताप और बहलोल खान पहले तो महाराणा प्रताप ऐसे लड़ रहे थे जैसे एक सिंह शशांक के साथ खेल लग रहा हो फिर महाराणा प्रताप को उन लोगों के शव याद आ रहे थे, जिनको बहलोल खान ने टुकड़े टुकड़े करके भेजा था।

महाराणा प्रताप ने बहलोल से कहा कि अब बहुत हो गया अभी तक तो मेरी तलवार अपनी धार को तेज कर रही थी अब ये ले तलवार का वार।

बहलोल खान के शरीर के दो टुकड़े उस महाराणा के तलवार ने ऐसे कर दिए जैसे भीम ने जरासंध के अलग-अलग टुकड़े करके इधर-उधर फेंक दिया हो।

यहीं लड़ाका, राजपूताना
मेवाड़ मुकुट राजस्थानी का।
सिर मुगलों के कार गिराए
दूध पिया का क्षत्रानी का।

_नरेंद्र भाकुनी (एम ए हिंदी, एम ए इतिहास)

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