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विजय की चाह

Gopal krishna shukla 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य #motivation 8156 0 Hindi :: हिंदी

भींच दूंगा मैं उसे जो द्वंद में शत्रु है l
स्थिति भले हो मरण की ,
भले हो कटना खंड खंड भी l
मरणासन्न में ही सही ll
होगा विजय का जयघोष भी, 
भले ही काल क्यों ना मुग्ध है ,
भींच दूंगा मैं उसे जो द्वंद में शत्रु है

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