Baba ji dikoli 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक बेटी सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित सम्मलेन समाज सुधार 11171 0 Hindi :: हिंदी
क्यों कायरता दिखलाते हो क्यों आस लगाए बैठे हो । बिन संघर्ष नाम नही होता बिना किये समाधान नही होता। अगर मंजिल को पाना है तो खुद से खुद को हराना है। माना खुद को बदलना आसान नही होता बिना संघर्स के नाम नही होता । क्यों समय रहते सफलता का बीज नही वोता, समय बीतने पर तड़प-तड़प रोता । खुदको तुझे हराना है रहकर मूक मंजिल को पाना है । गाकर नही कामयाबी से बिगुल बजाना है । हाँ पता है ,ये सबकुछ आसान नही होता पर बिना संघर्ष के नाम नही होता ।@baba ji dikoli