Ranjana sharma 14 Oct 2023 कविताएँ दुःखद दिल देकर रोग ले लिया#Google# 7667 0 Hindi :: हिंदी
दिल देकर तुझको हमने एक रोग ले लिया पहले तो जीते थें अब,दिन - रात का रोना हो गया फसाना क्या सुनाए अपनी जिंदगी का जिस्म तो यहां है रूह तो तू अपने साथ ही ले गया मोहब्बत में तुम हमको ऐसी भी सजा दोगे हमने सोचा ना था तुझे अपना मानकर हमसे एक भूल हो गया पहले जिंदगी में सबेरा था अब तो, जिंदगी में धूमिल - सा उठ गया तेरे लिए पूरा जमाना छोड़ा तुमने मुझे ही छोड़ दिया अब लगता है कि गलत तुम नहीं हम थें ,जो तेरे लिए हमने खुद को भी भुला दिया तकदीर रूठ गई ,किस्मत भी रूठ गया हमसे जिसके लिए हम वफा निभाते गए वही बीच राह में हमें छोड़ दिया डगर डगर ढूंढ़ती फिरुं मैं पर तू आया नहीं ऐसा हमसफ़र हो गया वादा तो हजार किया था तुमने पर निभाया एक भी ना गया धन्यवाद