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ऐ नादान दोस्त!

Anshika Agrawal 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य पक्षियों पर कविता , चिड़िया पर कविता, हिंदी कविता, poem on birds, poem on sparrow, कविता, पक्षी पर सुंदर कविता, इंसान और जानवर 37760 0 Hindi :: हिंदी

ऐ नादान दोस्त !
 क्यों देख मुझे दूर उड़ जाती है ,
 क्यों बचपन की इस दोस्त को यूं भूले जाती है।
 क्यों रूठ गई है यूं मुझसे तू ,
 चल माना भूल मेरी थी ,
 भूल गई दोस्त तू मेरी पहली थी।
 पड़ कर मानव घमंड में,
 भूल गई दोस्त तू मेरी सच्ची थी ।
  सुख दुख में एक समान चहचहाना,
  भूल गई मैं सीख ये तेरी थी।
  कनक के भांति अनाज के दाने ,
  भूल गई मैं संग तेरे खाने।
  ऐ नादान दोस्त!
  ले आ गई लेकर अनाज के दाने चार,
  आ खाऊं आज फिर संग तेरे मिल-बांट।
  आ उड़ चलू नीले आकाश में,
  मन ही मन आज फिर तेरे साथ।
  आ तोतली बोली में तुझे आज फिर एक बार  बुलाऊं
        ' मेरी चिय्या रानी '
        ' मेरी चिय्या रानी '

                           - अंशिका अग्रवाल
                                  सतना
  

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