Gopal krishna shukla 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #motivation 10749 0 Hindi :: हिंदी
उड़ चले पर्वत वह भी, जिनके पास ज़मीन थी l हर कश्क खत्म, अश्क में नयन नमl जीना दुर्लभ है नहीं l बिन पीर के युद्ध क्या l मल्ल युद्ध है जिंदगी, और जिंदगी में शुद्ध क्या ll जिंदगी ना गर्म ग्रीष्म है ठिठुरती सर्द ही ll गोपाल कृष्ण शुक्ला