Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 8147 0 Hindi :: हिंदी
कविता ( ख़ानदानी ) ख़ानदानी उनको ! कहता ये जहान !! चरित्र से जो गिर गए ! पैसे से मालामाल !! नग्नता की देखो ! क्या दी मिसाल !! फ्रैंकली शब्द को ! बना लिया ढ़ाल !! ख़ानदानी उनको ! कहता ये जहान !! चरित्र से जो गिर गए ! पैसे से मालामाल !! रोटियों से दामन ! हुआ दाग़दार !! कोठो पर उठाते ! क्यों हो सवाल !! बंगलों से चलता ! यहाँ कारोबार !! बंगलों में रहते ! इनके दलाल !! ख़ानदानी उनको ! कहता ये जहान !! चरित्र से जो गिर गए ! पैसे से मालामाल !! शरीफों का ओढ़े ! जो हैं लिबास !! कोठो की खूँटी पर ! टंगे वो लिबास !! राज कुंद्रा का देखा हाल ! कैसे हुआ वो मालामाल !! शराफ़त की उतरी ! जब वो खाल !! ख़ानदानी उनको ! कहता ये जहान !! चरित्र से जो गिर गए ! पैसे से मालामाल !! विपिन बंसल