Onkar Verma 29 Jan 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत कोई ऐसी भी दवाई बना दे 7090 0 Hindi :: हिंदी
कोई ऐसी भी दवाई बना दे कोई ऐसी भी दवाई बना दे कोई ऐसी ख़ुराक खिला दे खाते ही कुछ भी याद न रहे अच्छी हों या बुरी बस बीती सारी यादें भुला दे………….. कितनी आसान हो जाए जिंदगी हर दिन नया सवेरा हो नई यादों का डेरा हो……………………. पुराने जख्मों की कोई पीड़ा न हो पुरानी यादों का कोई कीड़ा न हो हर रोज़ की यादों के घेरे चुरा ले जाएं ये रातों के अंधेरे हर रोज़ नया सवेरा हो हर रोज़ नई यादों का डेरा हो………… रोज़ एक नई तरंग हो एक नई जीने की उमंग हो न कोई याद आये न किसी की याद सताये काश ! ऐसी यादों का भी कोई लुटेरा हो….. ताकि हर रोज़ नया सवेरा हो हर रोज़ नई यादों का डेरा हो…………………