क्यों नाराज़ रहते हो
क्यों नहीं कुछ कहते हो.....
हमें भी दर्द देते
क्यों खुद भी दर्द सहते हो.......
तुम्हें क्या पता
जब महीनों तुमसे बात नही read more >>
यादें - बचपन की
यादों के उन उधड़े चिथड़ों को
आज भी फिर से जीना चाहता हूं
आज फिर से उस बचपन को जीना चाहता हूं......
कितना आनंदित था मैं
न सोने read more >>