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क्यों राहों में भटकता है

Anshika Agrawal 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य Motivational Hindi poem, प्रेरणादायी कविता, हिंदी कविता, उत्साहवर्धक कविता, हिंदी कविता संग्रह, inspirational poem 8379 0 Hindi :: हिंदी

है राही तू मंजिल का 
 तो क्यों राहों में भटकता है
है यकीन खुद में तुझे 
तो क्यों  दुनिया की सुनता है
लोगों के कहे में न जाने क्यों  पड़ता है
है जीत की चाह तुझे 
तो क्यों हारे मन से नहीं लड़ता है
है जज़्बा खुद किस्मत लिखने का 
तो क्यों दूसरों से उम्मीद रखता है
है राही मंजिल का तू
तो क्यों राहों में भटकता है

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