AJAY KUMAR JOSHI 12 Feb 2025 कविताएँ समाजिक आध्यत्म, आध्यत्मिक, जोश, युवा, समाज, आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति, आनंद 5215 0 Hindi :: हिंदी
मंजिले अभी मिली नही,अभी कई सफर बाकी है अपने सपने सजोने में,अभी कई डगर बाकी है..... चलना ही जिंदगी है तेरी,ज़रा हाथ थामे चलना मिलजाय हुस्न तो ,उससे बच के निकलना उठी पड़ती जिंदगी में, खोना नही है तुझ को हो जाय जिंदगी के साथ,कुछ भी रोना नही है तुझ को क्योकि मंजिले अभी मिली नही,अभी कई सफर बाकी है अपने सपने सजोने में,अभी कई डगर बाकी है.... होश को संभाल कर,धर्य की तलवार हमेशा साथ रखना घर वालो का प्यार माँ का आशीर्वाद,हमेशा साथ रखना। मिले कोई दीन तो गिरने न देना उठे मदद के हाथों को तु थाम लेना किसी के कर्मो को न देख तू अपने लेख लिखता जा बड़ा ता जा कदम दर कदम कभी तो कांटों की जगह फूल खिलेंगे प्यार कर नफरत करने वालो से कभी तो पत्थर भी पिघलेंगे मिलेंगे कई लोग जो तेरे बस के न होंगे दिखेंगे तेरे साथ बस दिख ने के ही होंगे बस देख ते रहना है इनको ,भिड़ना नहीं है कोई चिडाय कितना भी ,चीड़ ना नही है मेरी ये बाते, ये सीखें तेरे काम आएगी मुसीबत में होगी जिंदगी एक दिन बदल जाएगी फिर बस आवाज जीत की आएगी तेरी महनत, कामयाबी रंग लाएगी घर वालो के सपने हकीकत में होंगे दुश्मन भी तेरे सामने ,लगेंगे रोने उदासी मायूसी हतासा सब चली जाएगी तेरी कुछ कर गुजरने की चाहत हि तेरे को मुकम्बल बनाएगी जो मिली नही मंजिले वो भी मिल जाएगी काँटो सी ये जिंदगी एक दिन फूलों में बदल जाएगी Ajay always : सत्य की खोज में